कभी उसे भी पढ़ने दो कुरान में लिखे मन्त्र
कभी तुम भी सुनो वेदों में रची आयते,
उसे छु लेने दो मुहम्मद के कलाम को
तुम भी गीता को सजदों में रख कर देखो,
वो भी दिल में खुदा की लौ जला कर देखे
तुम भी राम रस की खुमारी को समझो,
उसे बहकने दो अज़ान की धुनों पर
तुम भी फज्र में आरती कर के देखो,
उसे पी लेने दो तिलावत में बसी मय
तुम भी बुतखाने को मय खाना बनाकर देखो,
उसे पार कर लेने दो अपनी चौखटो को
तुम भी उस के दर पर दस्तक दे कर देखो!
रचनाकार- सलमान खान, मेरठ
कभी तुम भी सुनो वेदों में रची आयते,
उसे छु लेने दो मुहम्मद के कलाम को
तुम भी गीता को सजदों में रख कर देखो,
वो भी दिल में खुदा की लौ जला कर देखे
तुम भी राम रस की खुमारी को समझो,
उसे बहकने दो अज़ान की धुनों पर
तुम भी फज्र में आरती कर के देखो,
उसे पी लेने दो तिलावत में बसी मय
तुम भी बुतखाने को मय खाना बनाकर देखो,
उसे पार कर लेने दो अपनी चौखटो को
तुम भी उस के दर पर दस्तक दे कर देखो!
रचनाकार- सलमान खान, मेरठ
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