मंजिल पाता है वही, वाधाओं को जीत।
जज्बा जब भरपूर हो, कभी न हो भयभीत।।
जज्बा जब भरपूर हो, कभी न हो भयभीत।।
मिलें मार्ग में विघ्न जो, लें साहस से काम।
बिना लक्ष्य की प्राप्ति के, लेना नहीं विराम।।
बिना लक्ष्य की प्राप्ति के, लेना नहीं विराम।।
कितने भी अवरोध हों, रखना मन में धीर।
आगे ही बढते रहें, वाधाओं को चीर।।
आगे ही बढते रहें, वाधाओं को चीर।।
सत्य धर्म के मार्ग में, मिलते विघ्न अनेक।
मंजिल निश्चित ही मिले, रहे इरादा नेक।।
मंजिल निश्चित ही मिले, रहे इरादा नेक।।
रचनाकार- हरिओम श्रीवास्तव, भोपाल
बहुत सुंदर
ReplyDeleteशुक्रिया सागर जी
Deleteशुक्रिया सागर जी
ReplyDelete